दाधीच होकर के दाधीच का ( Poem )

दाधीच होकर के दाधीच का,आप सभी सम्मान करो | सभी दाधीच एक हमारेमत उसका नुकसान करो |चाहे दाधीच कोई भी होमत उसका अपमान करो | जो ग़रीब हो अपना दाधीचधन देके धनवान करोहो गरीब दाधीच की बेटीमिलकर कन्या दान करो | अगर दाधीच लड़े चुनावशत प्रति शत मतदान करोहो बीमार कोई भी दाधीचउसे रक्त का… Continue reading दाधीच होकर के दाधीच का ( Poem )

श्री दधिमती मातेश्वरी का छंद ( Dadhimati Mata Ji Ka Chand )

छन्द गुन दधिमत का गाता, सकल की साय करो माता ।गोठ एक मांगलोद माई ,बिराजे दधिमती महा माई । ।जंगल में एक मन्दिर आसमानी उसी को जाने सब जनि ।छात्र बिराजे सोहनो, चार भुजा गल माल ।कानन कुंडल झील मिले , माता सिंह असवारे। ।बाजे नोपत दिन राता, सकल की साय करो माता । छन्द… Continue reading श्री दधिमती मातेश्वरी का छंद ( Dadhimati Mata Ji Ka Chand )