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दाधीच होकर के दाधीच का ( Poem )
दाधीच होकर के दाधीच का,आप सभी सम्मान करो | सभी दाधीच एक हमारेमत उसका नुकसान करो |चाहे दाधीच कोई भी होमत उसका अपमान करो | जो ग़रीब हो अपना दाधीचधन देके धनवान करोहो गरीब दाधीच की बेटीमिलकर कन्या दान करो | अगर दाधीच लड़े चुनावशत प्रति शत मतदान करोहो बीमार कोई भी दाधीचउसे रक्त का …
नवम्बर’20 माह की दधिमती पत्रिका
महर्षि पिप्पलाद और शनि देव ( Maharishi Piplad and Shani Dev )
श्मशान में जब महर्षि दधीचि के मांसपिंड का दाह संस्कार हो रहा था तो उनकी पत्नी अपने पति का वियोग सहन नहीं कर पायीं और पास में ही स्थित विशाल पीपल वृक्ष के कोटर में 3 वर्ष के बालक को रख स्वयम् चिता में बैठकर सती हो गयीं। इस प्रकार महर्षि दधीचि और उनकी पत्नी …
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